लापरवाही: खून चढ़ाने के बाद गर्भवती महिला को एचआईवी संक्रमण

लापरवाही: खून चढ़ाने के बाद गर्भवती महिला को एचआईवी संक्रमण

सेहतराग टीम

तमिलनाडु के विरुधुनगर जिले की 24 वर्षीय एक गर्भवती महिला ब्लड बैंक से लिए गए कथित दूषित खून चढ़ाने के बाद एचआईवी से संक्रमित हो गयी। यह मामला सामने आने के बाद तमिलनाडु सरकार ने राज्यों के सभी ब्लड बैंकों में खून के नमूनों की जांच करने का आदेश दिया है।

प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री विजयभास्कर ने बुधवार को कहा कि सत्तूर में एक सरकारी अस्पताल से जुड़े ब्लड बैंक के तीन तकनीशियनों की सेवा तत्काल प्रभाव से समाप्त कर दी गयी है।

उन्होंने इस घटना को ‘निराशाजनक और चौंकाने वाली’ बताते हुए कहा कि इस तरह की घटना प्रदेश में अब तक नहीं हुई थी। मंत्री ने कहा कि इस घटना की जांच की जा रही है और जो भी दोषी पाया जायेगा, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। 

महिला और उसके पति ने बुधवार को पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है जिसमें संबंधित डाक्टरों, नर्सों और ब्लड बैंक के कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई है। प्रदेश सरकार ने कहा कि वह महिला पर विषाणु के असर को रोकने के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है और सभी ब्लड बैंकों में रक्त के नमूनों की समीक्षा की जाएगी ताकि इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति नहीं हो।

विरुधुनगर स्वास्थ्य सेवा के संयुक्त निदेशक आर मनोहरन ने कहा कि महिला को उसकी दूसरी संतान के जन्म के लिए सत्तूर के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था और डॉक्टरों ने उसे हीमोग्लोबिन की कमी के कारण खून चढ़वाने की सलाह दी थी। उसे एक ब्लड बैंक से लाया गया खून चढ़ाया गया। 

अधिकारियों ने बताया कि बाद में पता चला कि रक्तदाता एचआईवी संक्रमित था। बाद में महिला के खून की भी जांच की गयी और इस बात की पुष्टि हुई कि उसे भी संक्रमण हो गया है।

प्रारंभिक जांच में पता चला कि ब्लड बैंक के कर्मचारियों ने निजी अस्पताल को रक्त देने से पहले उसकी सही तरीके से जांच नहीं की। अधिकारियों के मुताबिक खून जांचने वाले ने उस पर ‘सुरक्षित’ की पर्ची लगायी थी।

उन्होंने कहा कि हर साल लाखों लोगों को खून की आपूर्ति की जाती है और ‘अभी तक इस तरह की कोई शिकायत नहीं मिली तथा यह पहला मौका है जो चौंकाने वाला है।’ 

संवाददाताओं से बातचीत करते हुए महिला के पति ने घटना के लिए तमिलनाडु सरकार को जिम्मेदार ठहराया और मांग की कि उनकी पत्नी का अच्छे से अच्छा इलाज किया जाए। उन्होंने कहा कि उन्हें सरकारी नौकरी नहीं चाहिए और वह अपनी पत्नी का बेहतर इलाज चाहते हैं।

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